New Delhi: कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. सुरजेवाला ने किसानों के सपोर्ट में देश के तीनों बिलों का विरोध किया. वहीं, अब कांग्रेस नेता का कहना है कि देश का अन्नदाता जाग चुका है अब बस देशवासियों का जागना बाकी है.
कांग्रेस नेता रणदीप ने अपने ऑफिशियल ट्वीटर पर ट्वीट कर लिखा कि- ऐसे क़ानून भला किस काम के जिनके चलते सरकार का जनता में जाने से डर लगे?
मोदी जी की कौन सी मजबूरी है जो वे अपनी सरकार को लोगों के बीच जाने से तो रोक रही है पर काले क़ानून वापस ना लेने पर अड़ी है? देशवासियों को जागना भी समझना भी होगा। अन्नदाता जाग चुके हैं.
सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई सदस्यों के बारे में भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि-ह मारे देश में प्रजातंत्र के 3 स्तम्भ हैं – कानून बनाना और कानून खत्म करना विधायिका यानि संसद और प्रांतों में प्रांतों की ऐसेंबली का काम है और ये तीनों अंग इंडिपेंडेड हैं..
सुप्रीम कोर्ट ने जो संज्ञान लिया व चिंता जाहिर की वो स्वागत योग्य है..उनकी चिंता से हम भी अपने आपको जोड़ते है.. किसानों से 3 काले कानून को खत्म करने वाली कमेटी के सदस्यो ने पहले ही ये कह दिया कि 3 कानून सही है,किसान गलत है,किसान भटके हुए है.. ऐसी कमेटी किसानों से कैसे न्याय करेगी?
पहले सदस्य कमेटी के हैं अशोक गुलाटी जी, उन्होंने बाक़ायदा ये लेख लिखा व कहा कि ये 3 कानून बिल्कुल रास्ता व सही चीज है, ये भी कहा कि विपक्षी दल भटक गए है व किसान भी शायद भटक गए है. उन्होंने ये भी कहा कि मैं पहले से ही कह रहा हूं कि इन क़ानूनों के फायदे किसानों के समझ नहीं आ रहे!
दूसरे सदस्य हैं – पीके जोशी साहब, जो शायद एक इंस्टिट्यूट के हैड भी रहे हैं. उन्होंने भी एक लेख लिखा और वो तो एक कदम और भी आगे निकल गए। उन्होंने कहा कि ये कानून भी ठीक हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं होना चाहिए.
तीसरे सदस्य हैं, माननीय अनिल घनवट साहब, जो एक संगठन के प्रमुख हैं. अब घनवट साहब तो इससे भी आगे चले गए. वो तो जाकर मैमोरेंडम देकर आए, चिट्ठी लिख कर देकर आए और उन्होंने ये कहा कि इन क़ानूनों से ही असली आजादी मिलेगी.
चौथे जो मैंबर हैं, उन्हें कहा कि ऑल इंडिया किसान जो कॉर्डिनेशन कमेटी, जो सरकारी एक कमेटी है, वो उसके चैयरमेन हैं – भूपेन्द्र सिंह मान साहब और उन्होंने 14 दिसंबर को ये चिट्ठी लिखी बाक़ायदा और वो मिलकर आए मंत्री जी से। और इस चिट्ठी में क्या लिखा है.