New Delhi: शांति से चल रहा किसानों का आंदोलन अचानक हिंसक रूप ले लिया. जिसे लेकर देशभर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. इस हिंसा की सारी जिम्मेदारी स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने ली है. उन्होंने कहा कि- लाल किले की घटना से उनका सिर शर्म से झुक गया. वह इस घटना के लिए शर्मिंदा हैं.
उन्होंने कहा, “विरोध का हिस्सा होने के नाते, जिस तरह से चीजें आगे बढ़ीं, मैं शर्मिंदा हूं और मैं इसकी जिम्मेदारी लेता हूं…किसानों की मांगों को उजागर करने के लिए ट्रैक्टर मार्च राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर अराजकता में भं’ग हो गया क्योंकि उ’ग्र प्रदर्शनकारियों की भीड़ बाधा’ओं के माध्यम से टूट गई.. लाल किले की प्राचीर से एक धार्मिक झंडा फहराया , भारत के तिरंगे के लिए एक विशेषाधिकार आरक्षित है.
“हिं’सा किसी भी तरह के विरो’ध को गलत’ तरीके से प्रभावित करती है.. मैं फिलहाल यह नहीं कह सकता कि यह किसने किया और किसने नहीं किया, लेकिन प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि यह लोगों द्वारा किया गया है जिसे हमने किसानों के विरो’ध से दूर रखा है..
नए कृषि कानूनों के खिला’फ किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले यादव ने कहा, “मैंने लगातार अपील की कि हम जो भी रास्ता तय करते हैं और विचलन नहीं करते हैं, केवल तभी तक चलेगा जब हम शांति से चलेंगे, हम जीत हासिल कर पाएंगे…
हजारों प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर पुलिस के साथ संघ’र्ष किया, जिससे दिल्ली और उपनगरों के प्रसिद्ध स्थलों में अ’राजक’ता पै’दा हो गई, हिं’सा की लह’रों के बीच किसानों के दो महीने के शांतिपूर्ण आंदोलन को छोड़ दिया..