New Delhi: कहते हैं कि अगर आप अपने सपनों के पीछे पड़ जाओ, तो वो एक न एक दिन जरूर पूरे होकर ही रहते है और इसका अच्छा और सटीक उदाहरण है ‘अमित दग्गा’.. अमित दग्गा ने मेहनत के दम पर अपनी कंपनी का उस ऊंचाईयों पर पहुंचाया है, जहां कुछ मल्टीनेशनल कंपनियां ही पहुंच पाती है।
अमित दग्गा कभी मामूली सैलरी के लिए डोर टू डोर जाकर पेन बेचते थे, लेकिन आज उनके बिजनेस का टर्नओवर करबी 500 करोड़ रुपए है। ये बातें आपको हैरान जरूर कर देगीं लेकिन ये हकीकत है। चलिए आपको बताते है अमित दग्गा की स्ट्रगल लाइफ के बारे में।

अमित दग्गा ने 16 साल की उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपने करियर की शुरूआत एक सेल्समैन की तौर पर की। उन्होंने घर-घर जाकर पेन बेचा, लेकिन वो हमेशा से ही अपना बिजनेस शुरू करना चाहते थे, इसलिए करीब तीन साल सेल्समैन का काम छोड़ दिया और 19 साल की उम्र में 8 हजार रुपयों की मदद से डीबीएम नाम से एक कंपनी की शुरूआत की।
ये कपंनी गुरुग्राम और आसपास के एरिया में पार्कर पेन सप्लाई करती थी। शुरूआत में इस कंपनी में लो अकेले ही थे, उन्होंने कपंनी का ऑफिस बॉय से लेकर अकांउटेंट और डिलिवरी मैन तक का काम खुद किया। लेकिन बाद में उन्होंने सेल्समैन और एक असिस्टेंट हायर कर लिया। इन सब के दौरान एक खास बात ये थी कि अमित दग्गा ने अपना फोकस सिर्फ कॉरपोरेट्स कंपनियों पर ही रखा और नतीजा ये हुआ कि धीरे-धीरे कर उन्हें सफलता हासिल होने लगी। अमित साल 2007 में अपनी डीबीएम कंपनी को लिमिटेड कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड करा लिया।
अमित ने बिजनेस को और करीब से जानने के लिए, साथ ही ज्यादा जानकारी के लिए आईएमटी गाजियाबाद से बिजनेस मैनेजमेंट का कोर्स किया। ये कोर्स उन्होंने ग्रेजुएशन करने के करीब 13 साल बाद किया। साल 2014 में उन्होंने ‘डील क्या है’ नाम से ऑनलाइन शॉपिंग की वेबसाइट शुरू की। इस वेबसाइट को चलाने के लिए उन्होंने आम वेबसाइट का रुख करने के बजाए सिर्फ मल्टीनेशनल और ब्रांडेड कंपनियों पर ही ध्यान दिया।
देखते ही देखते ये वेबसाइट भी लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गई। इस वेबसाइट पर लोगों को ब्रांडेड और मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रोडक्ट्स उपलब्ध होने लगे। अच्छी डील और डिस्काउंट ने लोगों को अपने ओर आर्कर्षित किया और अमित की वेबसाइट चल पड़ी। एक वक्त वो था, जब अमित अकेले ही अपनी कंपनी में काम करते थे और आज उनकी कंपनी के साथ डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रुप से करीब 500 लोग काम करते है।