New Delhi: शरद पवार ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने चिट्ठी में राज्यपाल कोश्यारी की भाषा का जिक्र किया है. पवार ने राज्यपाल कोश्यारी के पत्र की भाषा पर सवाल उठाए हैं. पवार ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि वे कोश्यारी द्वारा लिखे गए पत्र की असंयमित भाषा से स्तब्ध हैं. मुझे यकीन है कि आपने भी उस असंयमित भाषा पर ध्यान दिया होगा जिसका उपयोग किया गया है.
‘शरद पवार ने आगे लिखा कि- ‘मैं यहां बताना चाहता हूं कि माननीय राज्यपाल के किसी भी मुद्दे पर स्वतंत्र विचार हो सकते हैं.. मैं मुख्यमंत्री को उनके (राज्यपाल) विचारों से अवगत कराने के लिए राज्यपाल की सराहना करता हूं.. हालांकि, मैं राज्यपाल द्वारा जारी पत्र और पत्र में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उसे देखकर हैरान हूं.
हमारे संविधान की प्रस्तावना में ‘सेक्युलर’ शब्द को जोड़ा गया है जो सभी धर्मों को सम्मान दिखाता है. इस वजह से मुख्यमंत्री को अपने कार्यकाल में इसे बरकरार रखना होता है. उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से, माननीय राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे पत्र से लगता है कि जैसे यह एक राजनैतिक दल के नेता को लिखा गया है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे पत्र में कोश्यारी ने कहा था कि उन्हें प्रतिनिधिमंडलों से तीन प्रतिवेदन मिले हैं जिनमें धर्मस्थलों को खोले जाने की मांग की गई है. उन्होंने पत्र मे लिखा कि क्या आप अचानक सेक्युलर हो गए हैं? इसके जवाब में ठाकरे ने सवाल किया कि क्या कोश्यारी के लिए हिंदुत्व का मतलब केवल धार्मिक स्थलों को पुन: खोलने से है और क्या उन्हें नहीं खोलने का मतलब धर्मनिरपेक्ष होना है.