New Delhi: दलितों की आवाज खो गई. दलितों और गरीबों के नेता राम विलास पासवान अब इस दुनिया में नहीं रहे. उनकी कमी भारत को हमेशा खलेगी. राम विलास पासवान वो नेता थे, जो दलितों की आवाज कहे जाते थे.
उनके निधन को पीएम मोदी ने निजि क्षति बताया है. देश के हर नेता ने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी. पक्ष और विपक्ष सभी राम विलास पासवान का सम्मान करते थे. अब उन्हें भारत रत्न देने की मांग उठी है.
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक लेटर लिखा है. जिसमें दिवंगत नेता रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग की गई है. इतना ही नहीं उन्होंने दिल्ली आवास को स्मारक बनाने की भी मांग की है. उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान जनता के नायक थे, इसलिए उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए.

बता दें, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान 74 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार थे. उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी. चिराग पासवान ने ट्वीट कर कहा कि- पापा.. आप जहां भी हो, मुझे पता है मेरे साथ हैं..
चिराग के इस ट्वीट के बाद देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी. 70 के दशक में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के साथ अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले रामविलास पासवान 1969 में पहली बार अलौली सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे.