
New Delhi: आपने कई राम भक्तों को देखा होगा, लेकिन आज हम आपको जिनके बारे में बता रहे हैं, वैसी भगवान श्री राम की भक्ति आपने कभी नहीं देखी होगी. यहां लोगों ने अपने पूरे शरीर पर भगवान राम का नाम गोदवा रखा है. इनकी तस्वीर ध्यान से देखिए, इनके चेहरे, हाथ, से लेकर पैर तक में भी भगवान राम का नाम लिखा हुआ है. ये कपड़े भी राम नाम का पहनते हैं.
“रामनामी समुदाय” के रूप में पहचाने जाते हैं ये लोग
‘राम’ का नाम गोदवाने के पीछे का कारण ईश्वर की सर्वव्यापकता का संदेश फैलाना है.. वे दावा करते हैं कि भगवान को देखा नहीं जा सकता है लेकिन भगवान “स्वयं के भीतर” मौजूद है. आपको ये भक्ति छत्तीसगढ़ राज्य में देखने को मिलेगी. छत्तीसगढ़ भारत का नवगठित राज्य है.. यह अपनी आदिवासी आबादी के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन छत्तीसगढ़ के इन लोगों की अनूठी परंपराओं के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.. लोगों का ऐसा ही एक अनूठा समुदाय “रामनामी समुदाय” के रूप में जाना जाता है..
मंदिरों में प्रवेश की नहीं थी अनुमति
हिंदुओं का ये एक समुदाय है जिसे निम्न माना जाता था और उसे मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी… उन्होंने शांतिपूर्वक जाति व्यवस्था का वि’रो’ध किया. और अपने पूरे शरीर पर भगवान राम का नाम गोदवा लिया. इसके साथ ही इन्होंने राम की पूजा शुरू कर दी. इन टैटूओं के कारण इस समुदाय को रामनामी समुदाय’ कहा जाता है.
रामनामियों का धार्मिक आंदोलन 1890 में परशु राम भारद्वाज नाम के एक व्यक्ति द्वारा शुरू किया गया था, जिसे मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया था. तब इस समुदाय के अधिकांश लोग अनपढ़ थे, और उन्होंने खुद को रामायण पढ़ना और लिखना सिखाया.. उन्होंने अपनी संगीत और कपड़ों की परंपरा भी विकसित की.. उनके कपड़े पर भी, राम के निशान हैं..’यह छत्तीसगढ़ के चार जिलों के दर्जनों गांवों में फैल गया और समुदाय दो लाख लोगों की सदस्यता तक बढ़ गया.
इन राम टैटू का डिज़ाइन उनकी स्थानीय भाषा में ‘गोदना’ के रूप में जाना जाता है.. वे इन टैटू के लिए प्राकृतिक स्वदेशी स्याही का उपयोग करते हैं.. रामनामी समुदाय के लोगों के घरों में बाहरी और भीतरी दीवारों पर काले रंग में “राम राम” लिखा होता है… हिंदू महाकाव्य ‘रामायण’ का मालिकाना और हर दिन राम का जप करना इस समुदाय में बहुत जरूरी है.